बुधवार, 28 जून 2017

राजनीति

वो कौन है जो कौम को बदनाम कर रहे
इंसानियत के सर पे गुनाह का ताज रख रहे। 
वो ना हिन्दू है और ना ही मुसलमान ही है वो

इंसानियत को रोज जो जर्जर नीलम कर रहे। 

चढ़ा दो उनको सूली पे काट हाथ पैर
बहन बेटियो पे जुल्म जो सारे आम कर रहे। 
कुर्ता जिनको प्यार है तिरंगे के दाम से

ऐसे नेताओं को भगाओ इस  जहान से। 

राष्ट्र को बेच बेच जो नित है खा रहे
झुटे भाषणों से है वो दिल बहला रहे।
देश उनको प्यारा है हर पल दिखा रहे

आवाम को जो भूखे रातो सुला रहे। 

देश मे कमी नही जरा भी अन्न धन की
किसानों को जो भूखा फांसी चढ़ा रहे
ये इतने सच्चे ईमानदार है मुझे आता नही समझ

यहाँ पेट भरना है मुश्किल इनके खाते बढ़े जा रहे

।। प्रदीप सुमनाक्षर ।।


Read more by प्रदीप सुमनाक्षर : दो कदम , वो

Please Comment and share
                                  

Hit Like If You Like The Post.....


Share On Google.....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

your Comment will encourage us......

ब्लॉग आर्काइव

Popular Posts