HAPPY FATHER 'S DAY....
मानता हूं मैं कि एक माँ को रब का रूप माना जाता है, पर एक पिता बिना भी जिंदगी अधूरी होती है, वो बाप जो सपने देखता है अपने बच्चों के लिए, उनकी खुशी के लिए मेहनत करता है, काम करता है, एक ऐसा इंसान जो कमाता पूरे परिवार के लिए है, खुद तंग रहकर अपने परिवार वालों को किसी भी दिक्कत में नहीं आने देता, जिंदगी भर बस अपने परिवार के लिए सोचता है, पैसा कमाना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन फिर भी पैसा कमा कर अपने लिए नहीं,अपने परिवार के लिए सब कुछ करता है।
मैं SALUTE करता हूं इस दुनिया के सभी "पापा" को जो अपने बच्चों के लिए जमीन आसमान एक कर देते हैं, उनकी परवरिश के लिए एक बाप के सीने में हजारों ख्वाब होते हैं,अपने परिवार के लिए, अपने बच्चों के लिए, जो वह दिल ही दिल में रखता है, बहुत कम शेयर करता है, उसके गुस्से में भी ढेर सारा प्यार छुपा होता है, अपने परिवार की खुशी के लिए खुद अपनी जेब खाली कर देता है, बस अपने बच्चों के लिए, एक पिता भी रब का रूप होता है।
आज FATHER 'S DAY पर मैंं उन सभी बच्चों को, उन सभी लोगों से हाथ जोड़कर गुजारिश करता हूं, जो अपने मां बाप को अनाथ आश्रम छोड़ आते हैं या छोड़ दिया है, कृप्या अपने मां बाप को समझो, उनके गुस्से में भी बहुत सारा प्यार छुपा होता है, मां बाप के बिना एक घर, घर नहीं रहता बस एक मकान ही रहता है, जो अपने मां-बाप को खुश नहीं रखता वो कभी जिंदगी में सफल नहीं हो सकता।
जब आप सब उनके किरदार में आओगे यानी कि उस उमर में आओगे तो फिर एहसास होगा कि एक बाप की अहमियत ,जिंदगी में क्या होती है।
मां बाप जिंदगी में दोबारा नहीं मिलते।
एक कहानी आप सबसे शेयर करना चाहता हूं आज इस पिता दिवस पर......
एक बार एक आदमी होता है, उसका एक छोटा सा बच्चा होता है, उस आदमी का एक बीमार बाप भी होता है, आदमी कारपेंटर (लकड़ी का काम करता है )
वह अपने बच्चे से बेहद प्यार करता है, आदमी अपने बच्चे को धीरे-धीरे कारपेंटर का काम सिखा रहा होता है।
वह कारपेंटर आदमी अपने बीमार बाप को खाना दिन में एक बार ही देता था और उसे दिनभर गालियां ही निकालता रहता था, बीमार बाप अपने बेटे का जरा भी गुस्सा नहीं मानता था और हमेशा चुप रहता था। कारपेंटर आदमी का बेटा यह सब देख कर बहुत उदास होता था जब उसका पिता उसके दादा को गाली निकालता था। बच्चा अपने दादा को बहुत ज्यादा प्यार करता था। ऐसा कोई दिन नहीं था जब वह कारपेंटर आदमी अपने बीमार बाप को गालियां ना निकलता हो।
छोटा बच्चा अपने बाप को बहुत ज्यादा प्यार करता था लेकिन उसे इसी बात का दुख होता था कि उसका बाप उसके दादा को बहुत गालियां देता है।
एक दिन जब हर रोज की तरह कारपेंटर आदमी अपने बूढ़े बीमार बाप को जब खाना देता है, तो बूढ़े बीमार बाप के हाथ से वह खाने वाली थाली नीचे जमीन पर गिर जाती है। जिससे थाली टूट जाती है।
यह सब देख कारपेंटर आदमी अपने बीमार बाप को गालियां देना शुरु कर देता है और उसे गुस्से में धक्का मार देता है। छोटा बच्चा यह सब देख कर बड़ा दुखी होता है और उसे बड़ा गुस्सा आता है, लेकिन छोटा बच्चा चुप रहता है और दिल ही दिल में रोता है।
फिर अगले दिन वह छोटा बच्चा अपने बाप के औजार लेकर कुछ बनाने लग पड़ता है, यह देखकर छोटे बच्चे का पिता वहां आ जाता है और प्यार से अपने छोटे बच्चे को पूछता है कि बेटा क्या बना रहे हो लकड़ी से ?
छोटा बच्चा अपने पिता को बड़े प्यार से जवाब देता है, पिताजी मैं एक लकड़ी की थाली बना रहा हूं खास आपके लिए !
वह कारपेंटर बाप अपने छोटे से बच्चे से पूछता है ....क्यों लकड़ी की थाली ही क्यूं....
तो छोटा बच्चा कहता है पिताजी जब आप बूढ़े हो जाओगे, थाली टूटने पर आपको मुझसे गालियां नहीं सुनने को मिलेंगी।
इसलिए आपको मार और गालियों से बचाने के लिए यह लकड़ी की थाली बना रहा हूं, आपका भी समय आएगा एक दिन, जब आप बूढ़े हो जाओगे, मेरे दादा की तरह !
कारपेंटर आदमी अपने छोटे बच्चे की बातें सुनकर रोने लग जाता है और उसे अपनी गलती का एहसास हो जाता है।
तब वह अपने बीमार बाप को गले से लगा लेता है ओर क्षमा मांग लेता है और पूरी जिंदगी अपने बीमार बाप की इज्जत करने का वचन देता है।
सुखद समाप्त (HAPPY ENDING)
शिक्षा ......मां-बाप का हमेशा आदर करना चाहिए
(MORAL... RESPECT YOUR PARENTS )
लेखक ....अजय सिंह ताज लुधियाना...7837304195
HAPPY FATHER 'S DAY....
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