कभी यादों में खो जाना बेहतर लगता है,
कभी आँखों का बह जाना बेहतर लगता है,
ये दिल की दुनिया है साहिब......
कभी धड़कन का रुक जाना भी बेहतरीन लगता है।
- सुभाष वर्मा
Read more By Subhash verma:
राजीव रंजन :- द डार्क स्पॉट , अधुरापन , अस्तित्व ....एक नास्तिक की कलम से , अधूरी कहानी - 4: एक लव्य , हार , "वक्त" बोलता है
Read more By Subhash verma:
राजीव रंजन :- द डार्क स्पॉट , अधुरापन , अस्तित्व ....एक नास्तिक की कलम से , अधूरी कहानी - 4: एक लव्य , हार , "वक्त" बोलता है
Hit Like If You Like The Post.....
Share On Google.....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
your Comment will encourage us......