हर एक व्यक्ति के पास कोई न कोई प्रतिभा अवश्य होती है बस उसे जानने, समझने की जरूरत है।
हम बात कर रहे हैं उस युवा प्रतिभा की जो की पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है, भारत युवाओं का देश है। इसी युवा प्रतिभा ने नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं। परन्तु क्या हर युवा की प्रतिभा, व सोच को पंख मिले हैं, शायद नहीं, शायद इसीलिए हम आगे तो हैं पर बहुत पीछे भी हैं।
कारण नए विचारों की कमी नहीं बल्कि नए विचारों पर ध्यान न देना है, यहां बहुत से कारण है जिनकी वजह से प्रतिभा गायब हो जाती है।
1. संवाद की कमी : कौन क्या कहेगा,कोई क्या सोचेगा .....इसी डर से हम अपनी बात किसी के सामने कहने से डरते हैं, पर यकीन मानिए लोग आपके बारे में इतना नहीं सोचते जितना हम उम्मीद लगाए होते हैं पर लोग सोचते हैं जब आप कुछ कर रहे हैं तब भी और नहीं कर रहे तब भी।
पर लोगों का सोचना आपके लिए फायदेमंद ही है क्योंकि वो आपकी कमियां बताएंगे जिसे आप सुधार सकते हैं।
एक बल्ब बनाने के लिए एडिशन ने 1000 से भी ज्यादा कमियों को दूर करना पड़ा वो कमियां उन्हें खुद ही ढूंढ़नी पड़ी। अगर लोग आपकी कमियां फ़ोकट में ढूंढ़ते हैं तो वो अनजाने से आपकी सहायता कर रहे हैं।
2. समर्थन / support : हम अक्सर सामने वाले की ख़ुशी के लिए उसकी बात सुनते तो हैं पर उसकी तारीफ कर समर्थन नहीं करते। क्योंकि हमें आदत नहीं है ऐसा करने की। हमे आदत है सिर्फ नया सुनने की, देखने की परन्तु उस पर विचार करने की नहीं।
जब आप समर्थन कर रहे हैं तो आप प्रतिभा को निखार रहे हैं।......
नए विचारों का समर्थन कीजिये, उन पर विचार करने की आदत डालें।
3. सुविधा क्षेत्र / Comfort Zone : हम ऐसा काम करना चाहते हैं जहां सुविधा हो, नौकरी पक्की हो, तनख्वाह आती रहे ..यानि ...हमेशा सुरक्षा की स्थिति। किसी नए विचार पर हम कुछ नहीं करना चाहते क्योंकि हमे डर रहता है हमारी सुरक्षा का, सुविधाओं से घिरी दुनिया को खोने का।
हम जो चाहते हैं वो न करके हम वो करते हैं जो हमारी जरूरतों को पूरा करने में सहायक हो, और इसीलिए लगभग लोग अपने आप से नाखुश भी हैं क्योंकि उनको लगता है की उन्होंने वो नहीं किया जो वो करना चाहते थे।
जरा उस दिन के बारे में सोचिये जो जीवन का आखिरी दिन होगा, तब आप क्या सोच रहे होंगे, आप ये नहीं सोच रहे होंगे की आपने क्या किया बल्कि ये सोच रहे होंगे की मैं क्या चाहता था और मैंने क्या किया।
आपका सुविधा क्षेत्र आपको कुछ नया करने में बाधा है, कुछ नया करने के लिए, अपनी प्रतिभा को उड़ान देने के लिए आपको इससे बाहर आना ही होगा।
4. विचारों को अनदेखा करना / avoid ideas: आपका मस्तिष्क हमेशा कुछ न कुछ विचार देता रहता है, अच्छे या बुरे, पर हम अपने अच्छे विचारों को अनदेखा करते हैं क्योंकि हमें एक तय सिथति में रहना पसंद करते हैं जहां सुविधाएँ हैं , नए विचार और नई सिथति से हम डरते हैं क्योंकि हम हो सकने वाली परेशानी से डरते हैं, और इसीलिए हम नए विचरों को अनदेखा करते रहते हैं।
अपने आप को नए विचारों के अनुसार बदलें, बड़ी-बड़ी कंपनियां सिर्फ इसीलिए बंद हो गयी क्योंकि उन्होंने समय के नए विचारों के साथ खुद को नहीं बदला।
5. सफलता का अर्थ / the meaning of success: हम अपने आप को सफल मान लेते हैं जब हम अपनी जरूरतों को पूरा करने लायक हो जाते हैं। परन्तु वो वास्तविक सफलता नहीं है। आप ज्यादा खुश होंगे जब आप अपने किसी विचार से कुछ शुरू करते हैं और कामयाब होते हैं, तब आप सही मायने में सफल कहे जायेंगे।
आपकी मंजिल आपको ढूंढ रही है।आपकी सफलता आपकी मानसिक खुशी है जो आपको सिर्फ जरूरतों को पूरा करके कभी नहीं मिल सकती।
6. सोशल मीडिया / फ़िल्में : आज समाज में कुछ ऐसे साधन भी हैं जो हमें बहुत प्रभावित करते हैं, उनमे से एक है सोशल मीडिया, जहां हर समय उपस्थित रहना आज का युवा अपना कर्तव्य समझता है, परन्तु जितने समय तक आप सोशल मीडिया ( फेसबुक, ट्विटर आदि ) सक्रिय हैं तब तक आप का दिमाग सिर्फ देखता,सुनता और आनंद लेता है, ये आपके दिमाग की विचार करने की शक्ति को क्षीण करता है।
कभी-कभी ये आपको प्रेरित भी करता है, परन्तु से भारत का दुर्भाग्य है की यहां प्रेरित करने वाली फिल्मे सिर्फ खिलाडियों पर ही बनती है बल्कि उन कहानियों पर नहीं जिन्होंने कुछ नया सोचा है , दुनिया बदलने की कोशिश की है।
अगर सही तरीके से प्रयोग किया जाये तो ये आपकी प्रतिभा को पहचान देने का नायाब तरीका है।
कृप्या अपने विचार व्यक्त करना न भूलें
लेखक: सुभाष वर्मा
संपर्क: https://authorsubhash.com/
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