बुधवार, 28 जून 2017

खुदा की हंसती मूरत - माँ


माँ चन्द्रमा सी शीतलता लिए हुए है
वो सूरज सा उसका तेज भी मेरे  लिए है
मेरे ख्वाबो के लिए तारा बन टूटती है
खुदा की हंसती मूरत मेरे लिए तू ही है। 


माँ फूल जितनी कोमलता लिए हुए है

वो पहाड जितनी सख्त भी मेरे लिए है

मेरी हर गलती पर खुद को ही दोषी मानती है

खुदा की हंसती मूरत मेरे लिए तू ही है। 
माँ धरती पर चाँद की चाँदनी लिए हुए है
वो आसमान सा बडा आंचल भी मेरे लिए है
मेरी चोट पर आंसू संग मरहम लगाती है
खुदा की हंसती मूरत मेरे लिए तू ही है। 


माँ सूखे मे बारिश की तरह जिंदगी बांटती है

वो मुझपे आने वाले हर तूफान को रोकती है

मेरे बिन बोले जो हर बात समझती है

खुदा की हंसती मूरत मेरे लिए तू ही है। 


- Anupama Verma

                               

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