मैं उसकी चाहत हूँ जिस पर दुनिया मरती है।
मैं उसकी हसरत हूँ जिसकी चाहत दुनियां रखती है।
मैं उसकी आँखों में बस्ती हूँ जिस पर से लोगों की नजर नही हटती है।
मैं उसकी हकीकत हूँ जो औरों का ख्वाब है।
मैं उसका गुरूर हूँ जिसे पाने का औरों को जुनून है।
मैं उसका दिल हूँ जो औरों की धड़कनों के बढ़ने का कसूर है।
मैं उसका अहसास हूँ जिस पर लोगों के डगमगाते ख्यालात है।
मैं उसका ईमान हूँ जिस पर अच्छे-अच्छो के इरादे बेईमान है।
मैं उसकी आस हूँ जो औरों की न मिटने वाली प्यास है।
मैं उसकी तमन्ना हूँ जो औरों की दिली खवाइश है।
मैं उसकी सादगी हूँ जो औरों के लिए ख़ूबसूरती की आजमाइश है।
मैं उसकी नजाकत हूँ जो गर रखे कदम साथ तो औरों की हौसला हाफ्जाई है।
मैं उसकी शरारत हूँ जो औरों की आह निकाल देने वाली हिमाकत है।
मैं उसका अरमान हूँ जिसकी हसरतो के जाम लोग पिया करते है।
मैं उसकी याद हूँ जिसकी याद में लोग जिंदगी गुजार दिया करते है।
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Written By Ritika {Preeti} Samadhiya.... Please Try To Be A Good Human Being....✍
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