शुक्रवार, 2 जून 2017

तुम और मैं


तुमने मुझे देखा
मैंने तुम्हें देखा
दोनों के जहन में इक दूजे के लिये ख्याल पैदा हो गये
हम इतने करीब क्यूँ हुए कुछ ऐसे हजारों सवाल जिंदा हो गए। 

तुमने मुझे सोचा
मैंने तुम्हें सोचा
दोनों के दिमाक उथल-पुथल में खो गये
हम इतने क्यूँ उलझे इक-दूजे से हालात पर इल्जाम लगना शुरू हो गए

तुमने नजर घुमा ली
मैंने नज़र फिरा ली
दोनों अनजान से आगे बढ़ गए 
हम जरा से चले गुमानी में और फिर हार कर आँसुओं की बारिश में तरबतर हो गये

ना तुमने मुड़ कर देखना चाहा
ना मैंने पलटकर देखने की हिम्मत की
दोनों सख्त रवैये की उस समय सरकार हो गये
हम बदले नहीं पर जब नजरें पड़ी इक दूजे पर तो उन पलों के लिये बेगाने से इंसान हो गये

तुमने मुझे देखा 
मैंने तुम्हें देखा
दोनों के जहन में इक दूजे के लिये ख्याल पैदा हो गये
हम इतने करीब क्यूँ हुए कुछ ऐसे हजारों सवाल जिंदा हो गये।

Written By Ritika{Preeti} Samadhiya..... Please Try To Be A Good Human Being....✍



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