मोहब्बत पर हमारी इसक़दर उन्हे विश्वास हो जाए...मोहबात पर हमारी इसक़दर उन्हे विश्वास हो जाए...जिससे महबूब थोडा दिल के ओर पास हो जाए|इश्क़ कितना है , बताएँगे तुम्हे कभी फ़ुर्सत में,इश्क़ कितना है , बताएँगे तुम्हे कभी फ़ुर्सत में,अभी तो बस सर्दी में, थोड़ी गर्मी का एहसास हो जाए|हा हा हा... ये सर्दी...(संतोष कुमार)
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