मेरा एक दोस्त जो दिल्ली से है , आज मुझे मिला, उसने मुझे अपनी परेशानी बताइ,वो कहने लगा कि एक छोटे से लालच से मुझे 25,000 रु गवाने पड़े / बहुत ज्यादा अफसोस हो रहा है / क्या करूं कुछ समझ नहीं आ रहा / आज तक किसी का बुरा नहीं चाहा , किसी को अपशब्द नहीं बोले , सबका भला किया , लेकिन मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ की मुझे नुकसान सहना पड़ा / रब ने मेरे साथ अच्छा नहीं किया / वो कहने लगा की ताज भाई दिमाग ख़राब हो रहा है, परेशान सा हो गया हूं /
फिर मैने अपने दोस्त को समझाया कि लालच चाहे छोटा हो या बड़ा, हमेशा नुकसानदायक ही होता है /किसी भी चीज का लालच इंसान को परेशानी में डाल ही देता है / इसलिए लालच बुरी बला है /बाकी यह कर्मों का लेखा जोखा होता है नुकसान हो या फायदा /
क्या पता तेरा नुक्सान 2 लाख का होना था आज, ओर क्या पता तेरे अच्छे कर्मो की व्जह से आज तेरा नुक्सान केवल 25 ह्ज़ार का ही हुआ /
बाकि मेरा अपना तज़ुर्बा है की इन्सान जो मर्जी सोच ले कर ले, जितनी मर्जी PLANNING कर ले, इन्सान की PLANNING उस रब की PLANNING के आगे FAIL है / जो लिखा हुआ है रब ने हमारे जन्म में, हमारी ज़िन्दगी में, वो हो कर ही रहना है, चाहॆ इन्सान कुछ भी कर ले /
हाँ इतना कह सकते हैं हम की जितनी हानि होनी थी किसी इन्सान की ज़िन्दगी में, वो अगर अच्छा कर्म किया हो तो वो हानि कम हो जाती है /
एक इन्सान की एक हाद्से में एक टांग टूट गयी, वो बेचारा बहुत रोया, रब को कोस्ने लग पड़ा / फिर किसी रब के बन्दे ने उस इन्सान को समझाया की क्या पता उस हाद्से में तेरी दोनो टांगे, दोनो हाथ ही टूट जाते लॆकिन तेरे अच्छे कर्मो की व्जह से क्या पता उस हाद्से में तेरी एक टांग पर ही चोट आयी हो / होनि को टाला तो नहीं जा सकता, पर हाँ क्या पता उस होनि में नुक्सान कम हो जाये उस परमात्मा की व्जह से /जो भी हमारी ज़िन्दगी में होता है, कहिं ना कहिं उस रब का हाथ अवश्य होता है /बस सब कर्मो का लेखा जोखा समझ लिजिये /
हमें उस रब पर हमेशा विश्वास रखना चाहिए /वो कहिं ना कहिं हमारे आस पास ही होता है / उस रब की हम पर हमेशा नज़र होती है / हम लाख शुपा ले किसी से कोइ बात, लाख ठगी कर ले, लाख झूठ बोल ले किसी से भी, लेकिन वो खुदा की हम पर हमेशा नज़र होती है / वो रब निराकार है / सब जगह है / हर एक रूह में बस्ता है /
बाकी आखिर में....
अकसर इंसान को लगता है की वो कुछ भी करे कोई उसे नही देख रहा है , बस यही उसकी सबसे बड़ी ग़लती होती है , क्योकि जिस ईश्वर ने सारी दुनिया को रचा है उसकी नज़रो से कोई कैसे बच सकता है, हर इंसान को उसके अच्छा या बुरे कर्म का फल ज़रूर मिलता है ठीक उसी प्रकार जैसे परिक्षा का परिणाम ज़रूर मिलता है /
तो हर इंसान को यही कोशिश करना चहिए की जितना हो सके सब के साथ अच्छा करना चहिए /नेकी के रास्ते चलना चाहिये /सबसे मीठा बोलना चाहिये / प्रति दिन एक अच्छा काम अवश्य करना चाहिये /
खुश रहो सभी /
अजय सिंह ताज... 7837304195
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