मंगलवार, 28 नवंबर 2017

प्रदूषण - मौत की रानी

 मैं राजा मेरे जीवन का, वो मौत की रानी 
बनकर, मेरी सांसें चुरा रही है 
धीरे - धीरे - धीरे, मौत आ रही है

 हर साँस में उसे महसूस करूँ 
हर पल वो मेरे करीब आ रही है 
धीरे - धीरे - धीरे, मौत आ रही है

मैं चाहकर भी कैसे भुला दूँ उसको 
वो मेरे जिंदगी का हर लम्हा चुरा रही है 
वो रात में, ख्वाब में, मुझे सत्ता रही है
धीरे - धीरे - धीरे, मौत आ रही है 

 - सुभाष वर्मा  


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