मैं जानता हूं
तेरा अस्तित्व है एक मज़बूरी
अगर तू है, तो दुनिया है अधूरी
अगर नहीं, तो दुनिया नहीं पूरी।
मैं तुझे समझ न पाया, या
तू मुझे समझ न पाया
तूने मुझे बनाया या मैंने तुझे
यही भेद, ना तू ना मैं समझ पाया।
तेरा न होकर भी होना है जरूरी
इन्सानी फितूर, है एक मज़बूरी।
By: Subhash Verma
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