बुधवार, 17 मई 2017

मेरे मन की : उड़ती चिड़िया और मैं

मेरे मन की : उड़ती चिड़िया और मैं: उड़ती चिड़िया को ओझल होते देखा... पलक झपकने का मौका नहीं देती और जा पहुँचती है शून्य में शून्य छोड़कर .... उदास मन लेकर अनंत में ताकती रह...
Hit Like If You Like The Post.....


Share On Google.....

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

your Comment will encourage us......

ब्लॉग आर्काइव

Popular Posts