एक बेटी का अपनी मां को खत.....
मां मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं ,बहुत ही ज्यादा, इस दुनिया में तेरे जैसा कोई और नहीं हो सकता, काश तुम मुझे प्यार करती अपनी गोद में बिठाकर दुलार करती ,फिर मैं जब थोड़ी बड़ी होती तो आपको कविता सुनाकर, छोटी-छोटी नटखट बाते सुनाकर हंसाती |
मां मैं तुमसे बहुत ज्यादा प्यार करती हूं ,बहुत ही ज्यादा, इस दुनिया में तेरे जैसा कोई और नहीं हो सकता, काश तुम मुझे प्यार करती अपनी गोद में बिठाकर दुलार करती ,फिर मैं जब थोड़ी बड़ी होती तो आपको कविता सुनाकर, छोटी-छोटी नटखट बाते सुनाकर हंसाती |
मेरे पापा भी मुझे प्यार करते, जब पापा ऑफिस से घर आते तो मुझे गले से लगा लेते और मैं हमेशा की तरह अपने पापा को अपनी प्यारी सी मुस्कान से पापा की सारी थकान दूर कर देती।
फिर मेरे भाई भी तो हैं, उनको राखी भी बांधती, कितना अच्छा होता यह सब, भाइयों को अपनी बहन पर नाज होता, हम भाई बहन खूब खेलते
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फिर जब मैं थोड़ी और बड़ी होती तो घर का सारा काम करती, तुम मेरी मां आराम से बैठती, घर का काम के अलावा मैं इंजीनियर याँ डॉक्टर बनती।
सब परिवार को मुझ पर नाज होता कि हमारी लड़की दुनिया में समाज में हमारा नाम रोशन कर रही है, कोइ यह नहीं कहता कि इस लड़की का नाम यह है और अच्छी लड़की है ,अच्छी एजुकेशन है, इसकी अच्छी जॉब है, .....हमेशा लोग यही कहते कि अरे वाह यह लड़की उस family की लड़की है, इसके पापा का नाम यह है... मेरे साथ साथ मेरे मां-बाप, मेरे भाइयों,मेरी बहने, मेरे रिश्तेदारों का भी नाम होता।
फिर जब मेरी शादी होती तो घर में खुशियां ही खुशियां होती, और सबसे बड़ा दान .... कन्या दान तुम ही करते।
फिर कुछ समय बाद आप नाना नानी और भाई मेरा मामा भी बन जाता, यह सब कितना अच्छा लगता।
पर अफसोस है, दुख है, शिकवा है, मुझे मेरे मां-बाप से कि मेरा जन्म होने से पहले ही मुझे मां की कोख में हो मार दिया गया आखिर मैंने आपका क्या बिगाड़ा था।
तुम्हारी होने वाली अजन्मि बेटी.....
दुखद समापत.....
लोगों , कैसी दुनिया है इस 21वी सदी में भी हम लोग लड़का लड़की में फर्क समझते हैं, बड़े ही अफसोस की बात है।
रोजाना पता नहीं कितनी लड़कियों की भ्रुण हत्या हो जाती है , एक लड़के की तरह लड़की भी अपने मां बाप का नाम रोशन करती है, कल्पना चावला ,सोनिया मिर्जा माधुरी दीक्षित साइना नेहवाल कुछ नाम मुझे अभी याद हैं, जिन्होंने दुनिया में नाम किया है।
आजकल के दिनों में हर कोई पढ़ा लिखा है ,और फिर भी लोग लड़का ही क्यों चाहते हैं, बहुत हैरानी होती है, क्यों मॉंएे अपने पेट को कबर बना कर अपने आने वाली बेटी को मार देते हैं।
प्लीज दोस्तों सोचो
लेखक...अजय सिंह ताज
7837304195
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