रविवार, 28 मई 2017

रब का सिमरन


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रब का सिमरन बहुत ही जरूरी है /  इंसान कितना भी अच्छा  साफ़ दिल क्यों ना हो ,पर पर उसे रब का सिमरन करना ही पड़ता है, वरना क्या फायदा इस जिंदगी में रहकर , जिंदगी तो कट  ही रही है , अच्छे और बुरे दौर में /

 एक छोटा सा बच्चा अगर कितना भी समझदार क्यों ना हो , पर उसे अपना पाठ याद करना ही पड़ता है /होमवर्क करना ही पड़ता है /वरना उसका <टीचर> गुरु   उसे  डांटेगा कि तू इतना समझदार होशियार है ,पर फिर भी होमवर्क नहीं किया तूने /

इसी तरह हम इंसान ऐसे हैं कि भले ही अच्छे काम करते हैं , अच्छी बोली बोलते हैं सब के साथ , पर हर इंसान को रब का सिमरन करना ही पड़ेगा। .....

माँ  भी अपने बच्चे को दूध तब ही पीलाती है जब बच्चा रोता है , वरना कभी कभी तो  बच्चा भूखा ही रह जाता है /

 इसी तरह कभी-कभी रब भी हमारा इंतिहान लेता है ,और जब हम इम्तेहान में फेल हो जाते हैं तो बुरा दौर चलने लग पड़ता है /हां अगर इम्तिहान की तैयारी पहले से की हो तो उस बुरे दौर को टाला जा सकता है / इम्तेहान की तैयारी उस रब के  सिमरन से  ही  होगी / 

यह मैं  यह मानता हूं कि सबके साथ अच्छी बोली बोलो , वफादार रहा जाए सब के साथ, सबकी  सहायता भी की जाए ,तो समझ लो इंसान के  इन  कामों से रब खुश है / पर ऐसे ही चलने पर इंसान उस मरण जन्म के चक्करों से छुटकारा नहीं पा सकता / वही 84 लाख जुनिओ में उलझता चला जाएगा /

  अच्छे कर्मों से माना की इंसान को दोबारा जन्म मिल जाएगा इंसानी रूप में , नाकि कीड़े-मकोड़ों जानवरों का जन्म / पर क्या हमें ऐसे ही बार बार जन्म लेना पड़ेगा /

 इंसान को जन्म इसलिए  मिला है कि अच्छा कर्म करते हुए भी 24 घंटो में कुछ समय रब का सिमरन  करो - रब का ध्यान करो ताकि हमें इस जन्म मरण से छुटकारा मिल  सके /

इंसानी जन्म इसलिए मिलता है ताकि उस रब का सिमरन किया जा सके ,उस रब को याद किया जा सके /

 बहुत मुश्किल काम है यह सब सिमरन करना क्योंकि जब सिमरन करो तो कोई ना कोई बात दिमाग में आ जाती है /किसी को दुनियादारी की बातें याद आने लग पड़ती है ,किसी को पुरानी बातें या यार दोस्त घर परिवार  याद आने लग पड़ते हैं / 

 तब इंसान दिल से कहता है कि चलो छोड़ो यार आज अपना काम निपटा लेते हैं , सिमरन कल कर लेंगे ,अभी पूरी लाइफ पड़ी है / और ऐसे ही दिन-ब-दिन इंसान खत्म हो जाता है और रब का  सिमरन बीच में ही रह जाता है / और हम वही जन्म  मरण के चक्कर में ही रेह जाते हैं /

  यह सब काल का करिश्मा है / काल means negative forces.....  बस हमारा काम यही है कि रब की लगन में रहकर इस काल नाम से छुटकारा पाना है, जिसने इस काल से छुटकारा पा लिया समझो उस रब को पा लिया /

 खुश रहो सभी .....

लेखक: अजय सिंह ताज 
7837304195
Ludhiana



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