ना बेवफाई हमने की, ना वफा जैसी कोई बात थी
वो मिले ही कुछ ऐसे, कि हमसे हाँ ही ना हो सकी
मोहब्बत तो हमे भी थी, फिर भी ना कह गयी
यही एक मेरी बात,उसे सबसे ज्यादा खल गयी
लाख कोशिशे उसने की, पर मै भी मजबूर थी
अपने क्या उसके भी, आँसू का कारण बन गयी
मेरी ना की वो जिद, उसको बहुत चुभने लगी
मुझसे मेरी पहली मोहब्बत, नफरत करने लगी
वो जो मेरे लिए गालिब, बन जाता था कभी
आज उसी ने तानो की किताब, मेरे नाम लिख दी
उसकी तरह, उसके ही लिए, मै भी जग से लडने को आतुर थी
पर सब खत्म तब हुआ, जब अपनो से लडने की हिम्मत ना कर सकी
अब मिलते तो हम नही, पर मोहब्बत आज भी है वही
घडी की सुई की तरह, दिल मे धड़क रही
ना बेवफाई हमने की, ना वफा जैसी कोई बात थी
वो मिले ही कुछ ऐसे, कि हमसे हाँ ही ना हो सकी
#Anupama_verma
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