# 1 अपनी एकाग्रता कैसे बढ़ाएं
प्राचीनकाल से ही भारतीय शैक्षिक प्रक्रियाओं में एकाग्रता-विकास को बहुत महत्त्व दिया गया। आश्रमों में आचार्य अपने शिष्यों को विविध योगाभ्यासों के जरिए एकाग्रता के गुर सिखाते थे। आधुनिक शिक्षा-प्रणाली में एकाग्रता-विकास के इस महत्त्वपूर्ण पक्ष की पूरी तरह से उपेक्षा कर दी गई है। हमने बच्चों के ऊपर सूचनाओं का बोझ बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
#2 विचारों की शक्ति और सफलता
प्राचीनकाल से ही भारतीय शैक्षिक प्रक्रियाओं में एकाग्रता-विकास को बहुत महत्त्व दिया गया। आश्रमों में आचार्य अपने शिष्यों को विविध योगाभ्यासों के जरिए एकाग्रता के गुर सिखाते थे। आधुनिक शिक्षा-प्रणाली में एकाग्रता-विकास के इस महत्त्वपूर्ण पक्ष की पूरी तरह से उपेक्षा कर दी गई है। हमने बच्चों के ऊपर सूचनाओं का बोझ बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
Lekhak: Vijay Prakash
नतीजतन बच्चों की उपलब्धि का स्तर नीचे आ गया है और वे महज रट्टू तोते बनकर रह गए हें। यदि हमें रटंत विद्या को छोड़कर सृजनवादी शिक्षा को प्रोत्साहित करना है तो यह आवश्यक है कि हम नवाचारी ढंग से सोचें। एकाग्रता-विकास में ही सृजनवादी शिक्षा की कुंजी है। बिना एकाग्रता के हम किसी कार्य में सफल नहीं हो सकते।
#2 विचारों की शक्ति और सफलता
#3 मेरी किताब मेरी दोस्त
यह किताब आपको सफ़लता पाने के कोई जादुई मंत्रा नहीं बताती, ना ही यह किताब आपके जीवन की सब परेशानियों को हल करने का दावा करती है। लेकिन आप इस पुस्तक के पन्नों में एक सच्चा दोस्त पाएँगें, एक ऐसा दोस्त जो आप की मुश्किलें समझता है तथा उन मुश्किलों को हल करने के लिए आप को प्रेरित भी करता है, और सलाह भी देता है।
# 5 ऊँची उड़ान ही लक्ष्य है
यदि ऊँची उड़ान आपका लक्ष्य है तो अपनी योजना में शामिल करिए— हौसला, पंख और आँखें। हौसला, जो आपको ऊँची-से-ऊँची उड़ान भरने के लिए प्रेरित करे; पंख, जो आपको थकने न दे; आँखें, जिनमें तड़प हो नए आकाश को देखने की! ऊँची उड़ान का आनंद वही ले सकता है, जिसने किसी जगह विशेष को लक्ष्य बनाने की बजाय ऊँची उड़ान को ही लक्ष्य बना लिया है।
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